पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि साल 2014 से 2020 के छह साल के दौरान करीब 35,000 कारोबारी देश छोड़कर चले गए हैं| उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि डर के मौहाल की वजह से कारोबारी देश छोड़ रहे हैं| उन्होंने पीएम मोदी इस मामले पर संसद में श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है|
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि फरार होने वाले ये सभी उद्यमी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) यानी अमीर लोग हैं और ये अब प्रवासी भारतीय बन गए हैं| उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी “अपने शासन के दौरान भारतीय उद्यमियों के भारी पलायन” पर संसद में एक श्वेत पत्र पेश करें। मित्रा ने ट्विटर पर लिखा, “मोदी सरकार के तहत उच्च नेटवर्थ वाले 35,000 भारतीय उद्यमियों ने 2014-2020 के बीच अप्रवासी भारतीयों/आव्रजकों के रूप में भारत छोड़ दिया।
भारत दुनिया में पलायन में शीर्ष पर है। क्यों? क्या इसका कारण ‘भय की मनोवृति’ है??” मित्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने शासन के दौरान भारतीय उद्यमियों के बड़े पैमाने पर पलायन पर संसद में श्वेत पत्र पेश करना चाहिए। मित्रा ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए दावा किया कि 2014-18 की अवधि के दौरान उच्च नेटवर्थ वाले 23,000 उद्यमियों ने भारत छोड़ दिया, जो दुनिया में सबसे खराब आंकड़ा है। उन्होंने ट्वीट किया, “2014-2018 में, उच्च संपत्ति मूल्य वाले 23,000 उद्यमियों ने भारत (मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट) छोड़ दिया, जो दुनिया में सबसे खराब आंकड़ा है। 2019 में 7,000 ने (एफ्रएशिया बैंक) भारत छोड़ दिया जबकि 2020 में 5,000 ने (जीडब्ल्यूएम रिव्यू) भारत छोड़ दिया। वित्त मंत्री ने लिखा कि पीयूष गोयल द्वारा भारतीय व्ययवसायों के खिलाफ 19 मिनट के विषवमन को याद करें, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि भारतीय उद्योग के कामकाज के तरीके राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं …क्या यह ‘भय की मनोवृति’ पैदा कर ,पलायन को बढ़ावा दे रहा है? लेकिन प्रधानमंत्री ने गोयल को फटकार नहीं लगायी। क्यों?”