काली पूजा से पहले बच्चों के द्वारा बनाये गए पहाड़, नदियां, झरने लुभा रहे हैं सभी को 

जलपाईगुड़ी : आज भी शहर के लोगों को यहां की सदियों पुराने पहाड़ आकर्षित करते हैं. इसी से प्रेरित होकर काली पूजा के पहले बच्चों के द्वारा अपने घरों में पहाड़ का मॉडल तैयार किया जाता है. प्राचीन संस्कृति अभी भी जीवित है और शहर के विभिन्न जगहों में बच्चों के द्वारा सुंदर पहाड़ों का मॉडल बनाया गया है. जिसमें पहाड़, नदियां, झरने आदि बहुत कुछ है।

माउंटेन मेकिंग प्रदर्शनी का लुत्फ बड़े भी उठा  रहे है । हालांकि मोबाइल युग में बच्चों के बीच इस  संस्कृति का जीवित रहना अद्भुत है।  बच्चे अपने घरों में पहाड़ बनाते हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कई दिलचस्प पहाड़ियाँ बनाई गई हैं, जिनमें सेनपारा, अरविंदनगर, रायकतपारा, जयंतीपारा, पांडापारा, विवेकानंदपारा और तेलीपारा शामिल हैं। बच्चों को पहाड़ी संस्कृति का आनंद लेते देख बड़े भी बेहद खुश हैं।

कंचनजंगा सहित बड़ी और छोटी कृत्रिम पहाड़ियाँ मुख्य रूप से मिट्टी, कपड़े और चटाई से बनी हैं। पहाड़ को तरह-तरह के खिलौनों से सजाया गया है. वहां बिजली के खंभे लगे हैं।  यहाँ नदियाँ, गुफाएँ और भी बहुत कुछ हैं। बच्चों ने पहाड़ी को अलग-अलग कारों समेत अलग-अलग खिलौनों से सजाया है। यहां वानर, हाथी, बाघ, भालू, हिरण, बाइसन और विभिन्न पक्षी भी हैं। साथ ही कई जगहों में पहाड़ियों के बीच ट्रेन दुर्घना को भी दर्शाया गया है।

By Sonakshi Sarkar