देश के कई पब्लिक सेक्टर बैंक गुरुवार से दो दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं। सरकार द्वारा प्राइवेटाइजेशन को लेकर चल रही तैयारियों का विरोध करने के लिए यूएफबीयू ने हड़ताल करने का एलान किया है। ऐसे में आम लोगों को बैंकिंग के कामकाज निपटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार अलग-अलग सरकारी बैंकों के करीब नौ लाख कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के सरकार के कदम के विरोध में आज से हड़ताल पर हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि हड़ताल की वजह से चेक क्लीयरिंग और फंड ट्रांसफर जैसी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के प्रदेश संयोजक महेश मिश्रा ने विज्ञप्ति जारी कर बताया की इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र की 4,000 से भी अधिक शाखाओं के कर्मचारी शामिल होंगे।
महेश मिश्रा बताते हैं कि सरकार संसद के इसी सत्र में एक ऐसा कानून ला रही है, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। निजीकरण होने से सबसे अधिक दिक्कत कर्मचारियों को ही होगी। ऐसे में ही बैंक कर्मचारी और तमाम अधिकारी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं और 16-17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल कर रहे हैं।
स्थानीय अवकाश के चलते मेघालय में शनिवार 18 दिसंबर को भी बैंक बंद रहने वाले हैं। शनिवार को यू सोसो थाम (U SoSo Tham) की बरसी है। इसके चलते यहां बैंक बंद रहेंगे।