एक्सिस बैंक का ‘इवॉल्व’ सिलीगुड़ी में एमएसएमई को सशक्त बनाएगा, सतत विकास में होगा सहायक

देश के निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक, एक्सिस बैंक ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में अपने प्रतिष्ठित एमएसएमई नॉलेज सीरिज सेमिनार ‘इवॉल्व’ के 10वें संस्करण का सफल आयोजन किया। इस बार का विषय था ‘$10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना’, जिसमें एमएसएमई क्षेत्र को भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में योगदान देने के अवसरों और चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई।  कार्यक्रम में उद्यमियों, उद्योग जगत के नेताओं और नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया। एक्सिस बैंक के वाणिज्यिक बैंकिंग समूह के अध्यक्ष  विजय शेट्टी, ट्रेजरी मार्केट सेल्स के ईवीपी ब्रजेश चालिल, और एसईजी एसेट्स के ईवीपी रतुल मुखोपाध्याय ने प्रमुख वक्ताओं के रूप में एमएसएमई क्षेत्र के वित्तीय सशक्तिकरण, ऋण तक पहुंच, क्षेत्रीय विकास और व्यापक आर्थिक रुझानों पर 120 से अधिक प्रतिभागियों के साथ संवाद किया। एक्सिस बैंक के वाणिज्यिक बैंकिंग समूह के अध्यक्ष विजय शेट्टी ने कहा कि पश्चिम बंगाल देश के सबसे जीवंत एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी राज्य की औद्योगिक और उद्यमशीलता महत्वाकांक्षाओं के लिए तेजी से विकास इंजन बनता जा रहा है। इसकी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, मजबूत बुनियादी ढांचा, और क्षेत्रीय विविधीकरण इसे पूर्वोत्तर और पड़ोसी अर्थव्यवस्थाओं के साथ आर्थिक एकीकरण का प्रमुख केंद्र बनाते हैं। शेट्टी ने कहा कि हम एक्सिस बैंक में मानते हैं कि एमएसएमई केवल भारत की विकास यात्रा के भागीदार नहीं, बल्कि इसके भविष्य को आकार देने वाले उत्प्रेरक भी हैं। ‘इवॉल्व’ के माध्यम से हमारा उद्देश्य एमएसएमई को आवश्यक ज्ञान, उपकरण और नेटवर्क प्रदान करना है ताकि वे स्थायी रूप से विस्तार कर सकें और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।”

पश्चिम बंगाल में एमएसएमई क्षेत्र की स्थिति पर उन्होंने बताया कि राज्य में 660 से अधिक औद्योगिक समूहों में 90 लाख से अधिक इकाइयां 1.3 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। लगभग 9.5 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण द्वारा समर्थित, पश्चिम बंगाल का एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र निवेश, ब्याज सब्सिडी, और डिजिटल सक्षमता योजनाओं के माध्यम से तेजी से फल-फूल रहा है। सिलीगुड़ी तेजी से एक महत्वपूर्ण विकास इंजन के रूप में उभर रहा है, जो पहले एक पारगमन और चाय-पर्यटन केंद्र था, अब एक गतिशील एमएसएमई-संचालित अर्थव्यवस्था में बदल गया है। रणनीतिक बुनियादी ढांचे में निवेश और सक्रिय नीतिगत समर्थन के कारण, यह शहर न केवल रोजगार सृजित कर रहा है, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता भी ला रहा है और राज्य के व्यापक विकास लक्ष्यों के साथ मजबूती से जुड़ रहा है। सिलीगुड़ी की भू-रणनीतिक स्थिति भी इसे एक महत्वपूर्ण लाभ देती है, क्योंकि यह पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के लिए प्रवेश द्वार का काम करता है। इस कारण यह शहर क्षेत्रीय व्यापार और व्यवसाय के लिए एक उभरता हुआ केंद्र बन रहा है।

हाल ही में आयोजित उत्तर बंगाल व्यापार सम्मेलन में की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं ने सिलीगुड़ी की विकास गति को और अधिक बल प्रदान किया है। राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी के परिवर्तन को तेज करने के लिए कई उच्च-प्रभावी परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार की है। इन परियोजनाओं में प्रमुख रूप से 123.8 एकड़ में फैले चार एमएसएमई औद्योगिक पार्क शामिल हैं, जिनमें कुल 80 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इन औद्योगिक पार्कों से लगभग 5,000 से अधिक नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जो क्षेत्र के आर्थिक विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये के निवेश से एआई-संचालित आईटी/डेटा सेंटर पार्क (वेबेल) की योजना भी बनाई गई है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के तकनीकी बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना और सिलीगुड़ी को तकनीकी नवाचारों के लिए एक केंद्र बनाना है।

By Business Bureau