सर्दियों की शुरुआत होते ही सुंदरबन के ‘बाघ मामा’ यानी रॉयल बंगाल टाइगर पर्यटकों को निराश नहीं कर रहे हैं। लगातार बाघ के दर्शन होने से पर्यटक बेहद उत्साहित। हालांकि कुछ हद तक डर का माहौल भी है, लेकिन इसके बावजूद सुंदरबन के प्रति लोगों का आकर्षण और बढ़ गया है। पिछले मंगलवार को बारुईपुर पूर्व विधानसभा के धोषा-चंदनेश्वर ग्राम पंचायत के श्यामनगर से 24 लोगों का एक पर्यटक दल कुलतली के कैखाली से वन विभाग की वैध अनुमति लेकर ‘एमबी मां मंगलचंडी’ नाव से कॉलस कैंप की ओर रवाना हुआ था।
वापसी के रास्ते में, जब नाव विशालक्षी खाड़ी के किनारे पहुंची, तो पर्यटकों ने अचानक एक रॉयल बंगाल टाइगर को घूमते हुए देखा। सभी ने बिना समय गंवाए उस दुर्लभ दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया। यही नहीं, उसी इलाके में एक मगरमच्छ दिखने पर वे और भी रोमांचিত हो ওঠেন। नाव के मल्लाह चंदन नस्कर ने बताया कि पिछले दो दिनों से सुंदरबन के विभिन्न हिस्सों में बाघ को कई बार देखा गया है।
बाघ के लगातार दिखने से जहां पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग नई उम्मीद देख रहे हैं, সেখানে चक्रवात और लोकल इलाकों में बाघ की घुसपैঠ को लेकर थोड़ी चिंता भी बनी हुई है। फिर भी, पर्यटकों का कहना है कि इस सर्दी की शुरुआत में सुंदरबन की यात्रा उनके लिए अविस्मरणीय रही — क्योंकि उन्होंने एक साथ बाघ और मगरमच्छ दोनों के दर्शन किए।
