अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने टाको के ‘मिशन वनरक्षा’ केलिए असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगररिजर्व के साथ साझेदारी की

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लुप्तप्राय जानवरों की सुरक्षा की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) नेअपनी प्रमुख पशु कल्याण पहल द एनिमल केयर ऑर्गनाइज़ेशन (टाको) के माध्यम से आज काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व के साथएक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। असम में स्थितकाजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व एक यूनेस्को विश्व धरोहरस्थल है। इस समझौते के तहत पार्क के संरक्षण में सबसे आगे रहने वालेकर्मचारियों के लिए एक निगरानी केंद्र और आवासीय इकाइयाँ प्रदान कीजाएँगी। टाको की वन्यजीव संरक्षण परियोजना ‘मिशन वनरक्षा’ के तहत, यह सहयोग पार्क के वन्यजीवों विशेष रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों जैसेग्रेटर वन-हॉर्नड गैंडे, एशियाई हाथियों और बंगाल टाइगर्स की सुरक्षा कोबढ़ाएगा। समझौता ज्ञापन में इस सहयोग के लिए तीन वर्षों की अवधि में6 करोड़ रुपए का अनुदान देने की रूपरेखा तैयार की गई है।

हस्ताक्षर समारोह में असम सरकार के पर्यावरण और वन, एक्ट ईस्टपॉलिसी मामलों और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, श्री चंद्र मोहन पाटोवारीने राज्य की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के प्रति प्रतिबद्धता परजोर दिया। इस समारोह में अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की अध्यक्ष रितुझिंगन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की निदेशक डॉ. सोनाली घोष के बीच हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर हिंदुस्तान जिंकलिमिटेड की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिवडायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बर, जो टाको परियोजना की प्रमुख भी हैं, भीउपस्थित थीं।

असम सरकार के पर्यावरण और वन मंत्री, श्री चंद्र मोहन पाटोवारी नेपहल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, “काजीरंगा राष्ट्रीयउद्यान असम की ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की धरोहर है। हम टाको कीपहल ‘मिशन वनरक्षा’ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ वे शून्यशिकार क्षेत्र बनाए रखने के लिए निगरानी केंद्र प्रदान करेंगे और हमारेराज्य में संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देंगे। वन कर्मचारियों के लिएआवासीय इकाइयों की स्थापना इस पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू है।ऐसे में, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जो लोग हमारी धरोहर कीरक्षा करते हैं, उन्हें पूर्ण सहयोग मिलना चाहिए। फ्रंटलाइन कर्मचारियों कीभलाई काजीरंगा की सुंदरता और जैव विविधता को बनाए रखने में मददकरेगी।”

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड कीनॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने साझेदारी के महत्वपर ज़ोर देते हुए कहा, “यह समझौता ज्ञापन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वन रक्षकों सहित फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, जिनमें ‘वन दुर्गा’ यामहिला वन रक्षक भी शामिल हैं, की सुविधाओं में सुधार करने पर विशेषध्यान देगा, जिससे काजीरंगा में संरक्षण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।मुझे खुशी है कि टाको असम सरकार के साथ मिलकर क्षेत्र के अद्वितीयइकोसिस्टम को संरक्षित करने के लिए चल रहे प्रयासों में योगदान देगाऔर जंगल के ग्रीन वॉरियर्स का समर्थन करेगा। साथ मिलकर, हमवन्यजीवों और स्थानीय समुदायों दोनों को लाभ पहुँचाने वाला एक स्थायीमॉडल बना सकते हैं।”