रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने जगन्नाथपुर रथ यात्रा मेला की तैयारी एवं सुरक्षा व्यवस्था का जायजा एवं जिला के वरीय पदाधिकारियों और मंदिर समिति के सदस्यों के साथ बैठक किया।
इस दौरान डीआईजी सह वरीय पुलिस अधीक्षक रांची चंदन कुमार सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी सदर राँची उत्कर्ष कुमार, पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक, जिला जन संपर्क पदाधिकारी राँची उर्वशी पांडेय, DSP हटिया, अंचल अधिकारी नामकुम/नगड़ी, स्थानीय थाना प्रभारी एवं मंदिर समिति के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने मेला परिसर में व्यवस्था का जायजा लेते हुए वरीय अधिकारियों द्वारा मंदिर समिति के पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। जगन्नाथपुर मंदिर से मौसी बाड़ी तक रथ यात्रा रूट का निरीक्षण करते हुए उपायुक्त द्वारा श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देशा दिया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक श्री चंदन सिन्हा ने दुकानदारों को निर्धारित स्थान तक ही अपने दुकान लगाने का निर्देश दिया गया ताकि रथ यात्रा के दौरान किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी, राँची, श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा की पूरे विधि-विधान से रथ यात्रा की शुरुआत होगी इसके लिए विधि-व्यवस्था के सभी इंतजाम किये गये हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखते हुए 24 घंटे बिजली, चलंत शौचालय, पानी, अग्निशमन एवं एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी है।
डीआईजी सह वरीय पुलिस अधीक्षक श्री चंदन सिन्हा ने बताया कि सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किये गये हैं, मेला परिसर में वॉच टावर और सीसीटीवी लगाये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है, इसके लिए संयुक्त आदेश भी निर्गत किया जाएगा। बड़े वाहन प्रवेश न करें, इसको लेकर जगह-जगह बैरिकेडिंग भी की जा रही है।जिला प्रशासन आगामी रथ मेले के आयोजन को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में, प्रशासन सभी दुकानदारों, खाद्य स्टॉल संचालकों, और आयोजकों से अपील करता है कि वे मेले के दौरान दोना, पत्तल, और अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग करें। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा, बल्कि मेले में स्वच्छता बनाए रखने में भी सहायक होगा। प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों के उपयोग से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है, जो मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण का कारण बनता है। इसे ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने मेले में प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। सभी स्टॉल संचालकों और दुकानदारों से अनुरोध है कि वे इस नियम का कड़ाई से पालन करें और बायोडिग्रेडेबल विकल्पों जैसे कि पत्तल, दोना, बांस की टोकरियाँ, और कागज से बने उत्पादों का उपयोग करें।उपायुक्त ने कहा की जिला प्रशासन की पूरी टीम के साथ मेला के दौरान वॉलिंटियर भी श्रद्धालुओं के लिए तैनात रहेंगे ताकि भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन में कोई परेशानी ना हो, साथ ही एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाने के निर्देश दिए गए जिसमें जिला प्रशासन के साथ मंदिर कमिटी के भी पदाधिकारी जुड़े रहेंगे साथ वॉलिंटियर भी जुड़ेंगे जो हर जानकारी से जिला प्रशासन को अवगत करायेंगे।
