अभिनेत्री आशा पारेख ने साझा किया है कि उन्हें यह दुख होता है कि भारतीय महिलाएं अपनी शादी के लिए घाघरा-चोली जैसे पारंपरिक परिधानों के बजाय पश्चिमी परिधान और गाउन पहनना पसंद करती हैं। आशा गोवा में चल रहे 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के एक सेशन में बोल रही थीं।
आशा ने कहा कि सब कुछ बदल गया है (जब से उन्होंने फिल्मों में काम किया है)। जो फिल्में बन रही हैं… मुझे नहीं पता, हम इतने पाश्चात्य हैं। गाउन पहनने के विवाह समारोह में आ राही हैं लड़कियां (लड़कियां)। सुनो भाई, हमारी घाघरा चोली, सरियां और सलवार-कमीज है वो पहनो ना
उसने आगे कहा, “आप उन्हें क्यों नहीं पहनते? थिएटर पे देख के वो जो कपड़े पहने रहेंगे उस तरह के कपड़े हम भी पहनेंगे…मोटे हो, या जो, हम वही फेंगें। ये वेस्टर्न हो रहा है मुझे दुख होता है। हमारे पास इतनी प्रतिष्ठित संस्कृति, नृत्य और संगीत है कि हम इसे पॉप संस्कृति में वापस ला सकते हैं।