लोक कला के विकास और संरक्षण के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की पहल पर रायगंज में तीन दिवसीय ‘मोखा नाच’ कार्यशाला शुरू

उत्तर दिनाजपुर जिले की पारंपरिक लोक कला के विकास के उद्देश्य से आज से रायगंज में ‘मोखा नाच’  तीन दिवसीय विशेष कार्यशाला शुरू हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर कर्णजोरा स्थित जिला सूचना एवं संस्कृति विभाग के सम्मेलन कक्ष में कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। कार्यशाला का आयोजन लोक संस्कृति एवं जनजातीय संस्कृति केंद्र और उत्तर दिनाजपुर जिला सूचना एवं संस्कृति विभाग द्वारा किया गया है। कार्यशाला में जिले के विभिन्न हिस्सों से सौ से अधिक लोक कलाकारों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में जिला सूचना एवं संस्कृति अधिकारी शुभम चक्रवर्ती, रायगंज उपजिला अधिकारी किंगशुक मैती, प्रोफेसर डॉ. सुकुमार बरोई, लालन पुरस्कार विजेता सचिंद्र सरकार और इतिहासकार वृंदावन घोष उपस्थित थे। अधिकारी शुभम चक्रवर्ती ने कहा कि मुख नाच केवल एक नृत्य नहीं है, बल्कि जिले की विरासत का प्रतीक है। इस कार्यशाला के माध्यम से कलाकारों को प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। प्रख्यात इतिहासकार वृंदावन घोष ने कहा कि इस कला का इतिहास जानना भी ज़रूरी है।

मुखौटों में लोकगीत और संस्कृति की छिपी छाप होती है। लालन पुरस्कार विजेता सचिन सरकार ने कहा कि इस तरह की सरकारी पहल कलाकारों का मनोबल बढ़ाती है। यह कार्यशाला तीन दिनों तक चलेगी। इसमें मुख नृत्य के इतिहास, नृत्य शैलियों, मुखौटे निर्माण और प्रस्तुति पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अंतिम दिन मुख नृत्य प्रदर्शनी और मुखौटा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। कार्यशाला के समुचित प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन ने भी पहल की है।

By Sonakshi Sarkar