तस्करी का सोना गला कर उस पर हालमार्क लगाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ राजस्व निदेशालय की खुफिया इकाई (डीआरआइ) की टीमके द्वारा किया गया

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  • अनुमानित बाजार मूल्य 3 करोड़ 71 लाख 49 हजार 869 रुपये आंका गया है, जांच जारी
  • पांच किलो सोना और लगभग 35 लाख रुपये के साथ डीआरआइ ने दो लोगों को दबोचा

सिलीगुड़ी :- तस्करी का सोना गला कर उस पर हालमार्क लगाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ राजस्व निदेशालय की खुफिया इकाई (डीआरआइ) की टीम ने किया है। इस मामले में डीआरआइ की टीम ने 5 किलो 161 ग्राम सोना और करीब 35 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं। गिरोह के दो सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई है। उनकी पहचान महाराष्ट्र निवासी सूरज शिवाजी पवार (19) और भीम सुभाष विभूति (43) के रूप में हुई है। दोनों को शुक्रवार को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। विदेशी सोने की एक खेप बांग्लादेश के रास्ते दक्षिण दिनाजपुर जिला अंतर्गत हिली सीमांत से भारत लाए जाने की सूचना डीआरआइ के पास थी। उसी के आधार पर डीआरआइ ने बीती 12 जून को हिली सीमांत से पीछा करते हुए सूरज शिवाजी पवार को इस्लामपुर में दबोचा। तलाशी के दौरान उसके कमर से एक विशेष बेल्ट मिला, जिसमें सोने के बिस्कुट छुपा कर रखे गए थे। बरामद सोने के बिस्कुट का कुल वजन 3 किलो 660 ग्राम बताया गया है। उससे पूछताछ के बाद डीआरआइ ने बीएसएफ को साथ लेकर इस्लामपुर के जीवन मोड़ से सटे माठपाड़ा इलाका निवासी भीम सुभाष विभूति के घर और पुराने बस स्टैंड बाजार स्थित उसके ज्वेलरी शोरूम पर छापा मारा। घर से 34 लाख 66 हजार 300 रुपये नकद और 932 ग्राम सोना और दुकान से 569 ग्राम सोना बरामद हुआ, जिसका कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला।उसके बाद डीआरआइ की टीम ने सोना और नकदी जब्त कर व्यापारी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उसकी दुकान को भी सील कर दिया गया है। डीआरआई की मानें तो भीम सुभाष विभूति की दुकान में तस्करी के सोने को गला कर हालमार्क लगाने का धंधा अवैध रूप से चलाया जा रहा था। जबकि, उसके पास हाल मार्क लगाने का लाइसेंस तक नहीं है।डीआरआइ पक्ष के वकील रतन बणिक ने बताया कि जब्त सोने का कुल वजन 5 किलो 161 ग्राम है जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 3 करोड़ 71 लाख 49 हजार 869 रुपये आंका गया है। दोनों आरोपितों को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। इस गिरोह में शामिल कई और भी व्यापारी व तस्करों के नाम डीआरआइ को मिले हैं। उस दिशा में जांच की जा रही है।