बंगाल की प्राची धबल देब ने 200 किलो वीगन रॉयल आइसिंग स्ट्रक्चर बना अपना खुद का रिकॉर्ड तोड़ा

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अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता जानी मानी केक कलाकार प्राची धबल देब  ने वीगन रॉयल आइसिंग का उपयोग कर, महलनुमा  200 किलो का केक बनाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। मध्य प्रदेश के रीवा में जन्मी, प्राची ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून, उत्तराखंड में और कॉलेज की डिग्री कोलकाता में पूरी की। उनके पति पश्चिम बंगाल के रहने वाले है तथा आईटी प्रोफेशनल के रूप में एक मल्टीनेशनल कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं। प्राची, जिनकी पिछली उपलब्धियों की बात की जाए तो, मिलान कैथेड्रल से प्रेरित उसी मॉडल का 100 किलोग्राम केक बनाने का रिकॉर्ड व अधिकतम संख्या में वीगन रॉयल आइसिंग संरचनाओं को अपने केक में शामिल करने का कीर्तिमान उनके नाम है। उनकी नवीनतम कृति के लिए, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा उन्होंने और एक ऐतहासिक रिकॉर्ड और उनका अपना तीसरा विश्व रिकॉर्ड बनाया है।  

वैसे रॉयल आइसिंग एक अत्यधिक प्रतिष्ठित माध्यम है जिसका उपयोग ख़ास तौर पर ब्रिटिश शाही परिवार के लिए केक सजाने के लिए किया जाता रहा है।  बताया कि यह इतना आसान भी नहीं है, इस कला के लिए, प्राची ने बताया कि इस हैरतअंगेज़ कला के लिए बहुत अधिक धैर्य और कौशल की आवश्यकता होती है। लेकिन प्राची अपने  लगन और म्हणत पर इसमें आगे बढ़ती रही। इस दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए प्राची ने विशेष रूप से भारतीय ग्राहकों के लिए एक वीगन रॉयल आइसिंग रेसिपी विकसित की है। महज 3 इंच लंबे गज़ेबो से शुरू कर, प्राची ने अब 10 फीट लंबा, 4.7 फीट ऊंचा और 200 किलोग्राम भारी भारतीय वास्तु शैली का महल बनाया है। यह भारत के विभिन्न शाही महलों की भव्यता और शानदार विशेषताओं को दर्शाता है। रॉयल आइसिंग की दुनिया में उनकी रचनात्मकता और टैलेंट के बल पर दुनिया उन्हें ‘रॉयल आइसिंग की रानी’ के उपनाम से भी जानती है।

अपनी नवीनतम कृति के विषय में बताते हुए, प्राची ने कहा, ” इस कृति के लिए, भारतीय वास्तुकला डिज़ाइन के केंद्र में थी। फोकस भारत में विभिन्न शाही महलों की भव्यता और भव्य विशेषताओं को चित्रित करना था। रॉयल आइसिंग पारंपरिक रूप से नाजुक पाइपिंग और लेसी आइसिंग डिजाइन के लिए उपयोग की जाती रही है, लेकिन प्राची का फोकस महल व प्रासाद रहे हैं। प्राची की उपलब्धियां उनके जुनून और दृढ़ संकल्प का वसीयतनामा है। उनके शानदार टैलेंट ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। वे युवा कलाकारों को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और अपनी रचनात्मकता की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती रहती हैं।