राज्य में बीते दो वर्षों के दौरान 2,000 चिकित्सकों की बहाली हुई: (डीएमई) डा. कौस्तभ नाइक

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  • आठ हजार नर्सिंग स्टाफ की भी नियुक्ति की गई है
  • मेडिकल का जायजा लेने पहुंचे थे डीएमई डा कौस्तभ नाइक

सिलीगुड़ी : मेडिकल शिक्षा निदेशालय से आए चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) डा. कौस्तभ नाइक ने कहा है कि, राज्य में बीते दो वर्षों के दौरान 2,000 चिकित्सकों की बहाली हुई है। वहीं, 8,000 नर्सिंग स्टाफ की भी नियुक्ति की गई है। अब और 550 शिक्षक चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्हें राज्य के विभिन्न इलाकों में मेडिकल कोलेजों में नियुक्त किया जाएगा।वह शुक्रवार को नार्थ बंगाल मेडिकल कोलज एंडहास्पिटल (एनबीएमसीएच) में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। वह यहां एनबीएमसीएच व मालदा मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल आदि में चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लेने के दौरे पर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि एनबीएमसीएच व मालदा मेडिकल कोलज एंड हास्पिटल में जल्द ही हृदय रोग की शल्य चिकित्सा की भी उत्तम व्यवस्था होगी। उत्तर बंगाल में मदर एंड चाइल्ड चिकित्सा व्यवस्था से लेकर अन्य चिकित्सकीय परिसेवा को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से चौकसी बरत रहा है। उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज व अस्पताल तथा सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में सघन बाल चिकित्सा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति क्या है, इसकी समीक्षा की जा रही है।डीएमई के साथ एसएसकेएम, अस्पताल कोलकाता के न्योनैटोलोजी विभाग के प्रोफेसर डा. बिजन साहा भी आए हुए हैं, जो यहां सघन बाल चिकित्सा व्यवस्था के संबंध में अपने सुझाव देंगे। डीएमई डा. नाइक ने प्रोफेसर साहा और एनबीएमसीएच के प्राचार्य डा. इंद्रजीत साहा, मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक डा. संजय मल्लिक समेत स्वास्थ्य विभाग अन्य अधिकारियों व प्रोफेसर डाक्टरों के साथ बैठक कर चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की।उन्होंने बीते गुरुवार को ही एनबीएमसीएच के प्रसूति वार्ड, लेबर रूम, सिक न्यू बर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू), पेडियाट्रिक इंटेंसिंव केयर यूनिट (पीकू), मेडिसिन वार्ड, सर्जरी वार्ड और कैंसर वार्ड आदि का निरीक्षण किया था। इसके अलावा उन्होंने सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का भी दौरा कर वहां स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लिया था।उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि हम लोग यहां स्वास्थ्य सेवाओं की जांच और समीक्षा करने लिए आए हैं। यहां पर प्राचार्य, अधीक्षक, समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों व प्रोफेसर डाक्टरों के साथ बैठक कर चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। इसकी एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उसके आधार पर आगे क्या किया जा सकता है उस बाबत आगे आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि एनबीएमसीएच में स्थापित सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक को पूरी क्षमता के साथ चालू किया जा सके, इस पर भी गौर किया जा रहा है। उत्तर बंगाल के लोगों को चिकित्सा के लिए कोलकाता जाने की जरूरत नहीं रहे इस पर हम लोग जोर दे रहे हैं। उन्हें सारी चिकित्सा यहीं मिल जाए। इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी।