दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश का हिस्सा नर्मदा भ्रंश घाटी क्षेत्र में आता है जिसमें भविष्य में भूकंप का नया सक्रिय जोन बनने की आशंका बन रही है. इसका कारण है कि सिवनी और इसके आसपास सिर्फ 2 महीनों में ही 10 बार भूकंप आ चुका है. इस बारे में ठोस नतीजे पर पहुंचने के लिए सिवनी में 3 पोर्टेबल भूकंपमापी यंत्र लगाए गए हैं जिन्हें अगले 4 महीनों तक मॉनिटर किया जाएगा.
यहां होने वाली भूगर्भीय घटनाओं का डेटा जुटाया जा रहा है. सिवनी, बालाघाट और छिंदवाड़ा में बीते दो माह से छोटे और मध्यम तीव्रता के भूकंप दर्ज हो रहे हैं, सभी का एपिसेंटर सिवनी के आसपास रहा है.
इस बारे में भोपाल मौसम केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट वेदप्रकाश सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सटीक जानकारी के लिए राष्ट्रीय भूकंप केंद्र की ओर से सिवनी जिले में तीन पोर्टेबल भूकंपमापी स्थापित किए गए हैं, जो सीधे राष्ट्रीय भूकंप केंद्र को सिग्नल भेजते हैं. जबलपुर और छिंदवाड़ा में पूर्णकालिक भूकंपीय वेधशाला स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. भूकंपीय घटनाओं का कारण जानने के लिए कुछ महीने लगातार निगरानी करनी पड़ेगी, तब जाकर सिवनी में आ रहे भूकंपों के बारे में निश्चित रूप से कुछ कहा जा सकता है.
बता दें कि इस साल सिवनी और उसके आसपास 13 बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं. 31 अक्टूबर और 22 नवंबर को सिवनी में दोपहर और शाम में तीन अलग-अलगझटके दर्ज किए गए.