श्री जयन्त चौधरी ने स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताह भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया

विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर, भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने स्किल इंडिया मिशन के 10 साल पूरे होने पर सप्ताह भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया। इस यात्रा को ‘कौशल का दशक’ बताते हुए, उन्होंने मिशन के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाया और भारत में फ्यूचर ऑफ स्किलिंग के लिए सरकार के रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की। एक दशक के दौरान, स्किलिंग, अप्रेंटिसशिप, एंटरप्रेन्योरशिप, ग्लोबल मोबिलिटी और ट्रेडिशनल ट्रेड में ठोस प्रयासों के माध्यम से, एमएसडीई ने 6 करोड़ से अधिक भारतीयों को अपने और देश के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए सशक्त बनाया है। श्री चौधरी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कैसे स्किल इंडिया मिशन ने भारत के युवाओं को देश और विदेश दोनों जगह परिवर्तन की एक शक्ति के रूप में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि, “भारतीय कामगार अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री ने इस छिपी हुई क्षमता को पहचाना और स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से इसे राष्ट्रीय दिशा दी। आज यह नए भारत की एक सशक्त पहचान बन गई है। ”

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कौशल विकास, जो पहले विभिन्न मंत्रालयों में बंटा हुआ था, अब इसे एक समन्वित प्रयास के तहत एकीकृत किया गया है और यह सरकारी विभागों, प्राइवेट सेक्टर और सिविल सोसायटी को एक साथ लाया है। उन्होंने आगे कहा कि, “हमने संमिलन, गुणवत्ता और पैमाने को सुनिश्चित करने के लिए सरकार और संपूर्ण समाज का दृष्टिकोण अपनाया है। ” पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) जैसी योजनाओं ने 1.64 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जबकि 14,500 से अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को गुणवत्ता, शासन और संबद्धता मानदंडों में सुधार के माध्यम से समर्थन दिया गया है। श्री चौधरी ने विश्वास, सत्यापन और उद्योग की भागीदारी के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।

माननीय मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने कहा “जिस तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) शिक्षा क्षेत्र के लिए गेम चेंजर रही है, उसी तरह आगामी राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति भी भारत के कार्यबल के लिए उतनी ही परिवर्तनकारी होगी। इंपैंडिंग स्किल पॉलिसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे लोगों के स्किल, अपस्किल एंड रीस्किल के तरीके को फिर से परिभाषित करेगा जो उन्हें तेजी से डायनामिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने और नेतृत्व करने के लिए तैयार करेगा।”   उन्होंने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत ₹60,000 करोड़ की आईटीआई सुधार योजना के बारे में भी बात की, जिसमें सीएसआर कॉन्ट्रिब्यूशन से ₹10,000 करोड़ शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “हम फंडिंग से आगे बढ़ना चाहते हैं – हम चाहते हैं कि उद्योग पाठ्यक्रम, प्रमाणन और प्रशिक्षण मानकों को आकार दे। इस तरह हम रोज़गार योग्य युवाओं का निर्माण करते हुए आईटीआई को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।”

By Business Bureau