स्वास्थ्य साथी कार्ड के बावजूद नहीं मिली चिकित्सा , मरीज की मौत

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राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘स्वास्थ्य साथी ‘ का कार्ड रहने के बावजूद चिकित्सा के अभाव में एक प्रौढ़  की मौत  का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा अंचल के निवासी एक प्रौढ़ का चिकित्सा के अभाव में मौत होने का आरोप लगाते हुए उसके परिवार वालों ने प्रदर्शन किया। इन लोगों ने बताया वे लोग स्वास्थ्य साथ कार्ड लेकर अस्पताल से नर्सिंग होम का चक्कर लगाते रहे पर कही इलाज नहीं हुआ और अंत में मरीज ने दम तोड़ दिया।  बताते चले हालही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी निजी अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा था कि स्वास्थ्य साथी परियोजना के तहत  मरीज की चिकित्सा नहीं करने पर नर्सिंग होम के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य साथी परियोजना के तहत चिकित्सा उपलब्ध कराने से इनकार करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर कराने  की भी सलाह दी थी। साथ ही सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेता व सरकार के प्रतिनिधि लगातार इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि राज्य सरकार की ओर से संचालित स्वास्थ्य साथी योजना के तहत विभिन्न अस्पतालों और नर्सिग होम में निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है.  पर  माटीगाड़ा की यह घटना सरकार के इस दावे की पोल खोलती नजर आ रही है। स्वास्थ्य साथी कार्ड रहने के बावजूद मरीज चिकित्सा के लिए नर्सिंगहोम व अस्पतालों में दर-दर भटकते रहे लेकिन उन्हें चिकित्सा नहीं मिली आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। सिलीगुड़ी संलग्न  माटीगाड़ा के प्रमोदनगर निवासी मो गफ्फार (65 ) बिना चिकित्सा के ही अपनी जान गवा दिए। इनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि स्वास्थ्य साथी कार्ड लेकर इलाज के लिए वे लोग शहर के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पताल भटकते रहे लेकिन कहीं से उन्हें चिकित्सा नसीब नहीं हुई. उन्होंने बताया दो  सप्ताह पहले ही लंबी कतार में खड़े होकर उन लोगों ने स्वास्थ्य साथी कार्ड बनाया गया था। इस बीच  मोहम्मद गफ्फार को ब्रेन स्ट्रोक हुआ। तबीयत काफी दिन पहले ही बिगड़ गयी  थी।  मंगलवार सुबह तबियत अधिक बिगड़ने पर उन्हें पहले सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ले गए। यहाँ से उन्हें उत्तरबंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल रेफर कर दिया गया।  वहां बेड  नहीं होने के कारण वे लोग स्वास्थ्य साथी कार्ड लेकर शहर के  विभिन्न  नर्सिंग होम भटकते रहे पर कही उन्हें जगह नहीं मिली।  परिवार वालों ने आरोप लगाया कि  नर्सिंगहोम में  स्वास्थ्य साथ कार्ड दिखाते ही वे  लोग उन्हें लौटा दे रहे थे।  बाध्य होकर मरीज को घर ले आये जहां मंगलवार रात मरीज की मौत हो गयी।  मरीज के भतीजे ने बताया कि उसके चाचा को  कुछ दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था.  पहले से वे  लकवा के शिकार थे। तबीयत अधिक बिगड़ने पर उन्हें सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ले जाया गया ,जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहां बेड  नहीं मिलने पर वे लोग  स्वास्थ्य साथी कार्ड लेकर नर्सिंग होम गए लेकिन किसी ने भी उन्हें जगह नहीं दी।  राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि स्वास्थ्य साथी योजना में पंजीकृत लोगों को नर्सिंगहोम प्रबंधन को चिकित्सा सुविधा देनी होगी। उन्होंने कहा यदि  कोई नर्सिंगहोम के खिलाफ चिकित्सा नहीं देने की शिकायत मिलती है तो मुख्यमंत्री का निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।