पश्चिम बंगाल से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर तस्करों ने जानलेवा हमला किया है। मंगलवार को बीएसएफ से जारी बयान में बताया गया है कि इन दिनों तस्करों को आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना मुश्किल हो रहा है, और जब उन्हें रोक दिया जाता हैं तो हताशा में वे बीएसएफ जवानों पर हमला कर रहे हैं।
बॉर्डर आउटपोस्ट बामनाबाद के जवानों को फेंसेडिल बोतलों की तस्करी के बारे में विश्वस्त सूचना मिली थी। सूचना पर कार्रवाई करते हुए कॉन्स्टेबल मीमू बर्मन संदिग्ध इलाके में निगरानी करने पहुंचे। उसने एक व्यक्ति की संदिग्ध हरकत को देखा जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत की ओर आ रहा था तुरंत कॉन्स्टेबल मीमू बर्मन ने उसे चुनौती दी तथा रुकने के लिए बोला। संदिग्ध व्यक्ति को रोके जाने पर अचानक सरकंडा घास में से उसके और 02 साथी निकल कर बाहर आए और कांस्टेबल मीमू बर्मन की तरफ बढ़े। हाथापाई के दौरान उनमें से एक व्यक्ति ने कांस्टेबल मीमू बर्मन को पकड़ा तथा दूसरे ने बंबू का डंडा कॉन्स्टेबल मीमू बर्मन को दे मारा, अपने सिर को बचाने के लिए कांस्टेबल मीमू बर्मन ने अपने हाथों की ढाल बना ली, जिससे कॉन्स्टेबल मीमू बर्मन की उंगलियों में गंभीर चोट लगी, घायल होने के बावजूद भी कांस्टेबल मीमू बर्मन ने उपद्रवियों के साथ संघर्ष किया। जब कांस्टेबल मीमू बर्मन को काबू करना मुश्किल हो रहा था तो सभी उपद्रवी सरकंडा घास और ऊंची नीची जमीन का फायदा उठाते हुए मौके से भाग गए। इसके बाद बर्मन को अन्य बीएसएफ जवानों द्वारा एंबुलेंस के माध्यम से उपचार के लिए रानीनगर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां एक्सरे के बाद डॉक्टर ने कहा कि उसके दोनों हाथों की उंगलियों में फ्रैक्चर हैं।
इस घटना के संबंध में पुलिस थाना रानीनगर में एक एफआईआर भी दर्ज की गई हैं तथा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश से भी संपर्क किया जा रहा हैं।