सीपीएम नेता शंकर घोष ने पार्टी को कहा अलविदा , पार्टी नेतृत्व से नाराजगी के कारण लिया फैसला

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पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेद के कारण सीपीएम के दिग्गज नेता शंकर घोष ने बुधवार को पार्टी को अलविदा कह दिया है। बुधवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मलेन में  शंकर घोष ने कहा कि छात्र राजनीति से उन्होंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। उसके बाद वे पार्टी की बड़ी जिम्मेदारियों को निभाते गए पर पिछले तीन  चार सालों में पार्टी के भीतर उनकी बातें नहीं सुनी जा रही थी।  वे कई बार अपनी  बातें पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखने की कोशिश की पर  हर बार उसे अनदेखा कर दिया  जाता था।  पार्टी के भीतर  उनका दम घुट रहा था। इस घुटन से आजादी के लिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।  श्री घोष ने कहा कि अपनी बात वे कई बार पार्टी के उच्च स्तरीय नेताओं के समक्ष रखने का प्रयास किया लेकिन पार्टी ने कभी उन्हें तवज्जों  नहीं दी। इस वजह से पार्टी के  सिद्धांतों और उनके बीच लगातार खाई बढ़ती गई।  उन्होंने कहा कि पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं के बीच रहकर अंतर्द्वंद के बीच काम करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए उन्होंने आज पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला लिया।