सिलीगुड़ी में एवरेस्ट अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का दूसरा संस्करण का आयोजन 31 जनवरी को

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31 जनवरी 2021को पूर्वोत्तर भारत के प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी में एवरेस्ट अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का  दूसरा संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। फिल्मी संसार और ईऑन फिल्म्स द्वारा संचालित, यह अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह होटल रॉयल सरोवर पोर्टिको में होगा। पश्चिम बंगाल के प्रमुख फिल्म समारोह के रूप में उभरता EIFF 2021 का उद्देश्य फिल्म प्रशंसकों और फिल्मों के दर्शकों को दुनिया से जोड़ना है, ताकि फिल्म बनाने की कला के बारे में अधिक समझ पैदा हो सके। हालांकि, कोविद प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए EIFF कमिटी ने केवल एक दिन के उत्सव के साथ ऑनलाइन करने का फैसला किया है । EIFF उत्सव में प्रस्तुत की गई फिल्मों में से केवल कुछ फिल्मो को ही दिखाया जायेगा । बाकी फिल्मों को EIFF के चैनल पर आज से 31 जनवरी तक ऑनलाइन देखा जा सकता है। सभी रूढ़ियों को तोड़ते हुए, EIFF का मिशन दुनिया भर की गुणवत्ता वाली फिल्मों के साथ-साथ इंडी फिल्म निर्माताओं को समर्थन, पहचान और सम्मान प्रदान करना है।

एवरेस्ट अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव निश्चित रूप से एक इंडी फिल्म निर्माता के दृष्टिकोण से और एक फिल्म उत्साही के रूप में उभरने लगा है । आगे जाके ये एक ऐसे उत्सव में तब्दील हो जायेगा जहाँ लोग बेहतरीन सिनेमा देखना चाहता है। इस बार भी EIFF ऐसे अद्भुत फिल्मों की एक सरणी प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऑनलाइन स्क्रीनिंग के लिए चयन समिति द्वारा चुनी गई कुछ उल्लेखनीय फिल्मों में राजीब बॉल की इंडो ऑस्ट्रेलियन फिल्म ‘सुदामा द हाफ मैन’, अल्बानिया के वल्मर टेरटिनी की ‘वुले (सील)’, लुका माचनिच (USA) – ‘द ईव’, एनिमेशन फिल्म ‘द बॉय एंड द माउंटेन’ सैंटियागो एगुइलेरा aur गेब्रियल मोन्रियल (चिली) से शामिल हैं, मोहसिन अबरार (सिंगापुर) के ‘वेलकम ऑन बोर्ड’, मेहमेत तनेरीवर (तुर्की) के दो फिल्म – ‘वन्स अपॉन अ जजमेंट डे’ aur ‘स्ट्रिंग्स ऑफ सॉरो’, पॉल मैककोवन (USA) के ‘वांडरिंग… बट नॉट लॉस्ट’ मेहमत तिग्ली (तुर्की) के ‘साइकैमोर’, जियॉन्ग जुंग (कोरिया) के ‘द लेटर’ ‘शालिनी बालासुंदरम और सतीश नटराजन (मलेशिया)’ की फिल्म ‘पुलानिवु’  जूनी काजीओका (यूके / जापान) की फिल्म ‘दी फॉरगोटेन आर्मी’ का नॉमिनेशन हुआ है। भारत के कुछ फिल्मों में मुख्य में सुवेंदु घोष की ‘मैं मुलायम’ शामिल हैं, श्यामा सुंदर माज़ी की कुक्ली, शफ़ाक ख़ान की फ़िल्म ‘कम कम रेन’, एसपी पांडियन भाष्करन की ‘इंशा अल्लाह’, हेमंत महाले की ‘काली माटी’  और प्रकाश सैनी की ‘अ टेल ऑफ़ राइजिंग रानी’ शामिल है। वैसे तो सभी फिल्मो को कार्यक्रम स्थल पर नहीं दिखाया जाएगा, पर दर्शक निश्चित रूप से उन्हें ऑनलाइन देख सकते हैं।

“कोरोनवायरस के प्रतिबंधों को देखते हुए, जहाँ दुनिया भर में कई त्योहारों ने या तो बंद करने या ऑनलाइन जाने का विकल्प चुना है, वहीँ EIFF उत्सव आयोजकों ने इस समारोह को रद्द करने के बजाय इसे एक दिन का कार्यक्रम बना दिया,” महोत्सव के निदेशक संजय वर्मा, ‘साजन’ ने कहा। उनका कहना है के अपने अद्वितीय और शानदार दर्शकों के साथ व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कोई विकल्प नहीं है। बता दे के इस पुरस्कार समारोह में बॉलीवुड अभिनेता अरफी लांबा और एमीथ सेठी, सना शेख (अभिनेत्री), ३ बार गिनीज बुक रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ गज़ल श्रीनिवास और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक कोंडापल्ली दशरथ कुमार की उपस्थिति देखी जाएगी।

एवेरेस्ट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के जूरी चेयरमैन और फेस्टिवल के चेयरमैन मोहन दस जी कहते है, ““सिनेमा सबसे शक्तिशाली माध्यम और विशिष्ट कहानियां जो आपको उन वास्तविकताओं से जोड़ती हैं । यह एक ऐसा कनेक्शन एक ऐसा हथियार है जो इन फिल्म निर्माताओं के पास है। फिल्म समारोह में होना इन शक्तियों में से एक की याद दिलाता है। लेकिन कई बार, इस तरह की कहानियां सिर्फ सपने बांके ही रह जाती है। या तो फिल्म निर्माताओं को स्टूडियो तक पहुंचने का अवसर नहीं मिलता है या उन्हें रिलीज़ करने के लिए एक मंच नहीं मिलता है। इंडी फिल्म निर्माताओं की मदद करने के हमारे प्रयास में, हमने EIFF के एक ही मंच पर स्टूडियो और ओटीटी को लाने की योजना बनाई है। हां, EIFF २०२१ में, फिल्म निर्माताओं को अपने विचारों को फिल्मों में परिवर्तित करने के लिए स्टूडियो के साथ प्रत्यक्ष बातचीत करने के लिए, हम हैदराबाद के प्रतिष्ठित माना स्टूडियोज को भी उत्सव में ला रहे हैं। डी वाई चौधरी सिर्फ के सफल फिल्म निर्माता ही नहीं बल्कि  माना स्टूडियोज के फाउंडर भी है। उनके साथ-साथ फिल्म प्रोड्यूसर और फाइनेंसर अतलुरी नारायण राव इस अवसर पर अनुग्रह करेंगे। साथ ही ओटीटी चैनल डॉन सिनेमा के संस्थापकों में से एहम – महमूद अली भी उत्सव में मौजूद रहेंगे। इंडी फिल्म निर्माताओं के लिए एक सुनहरा अवसर होगा जहाँ वे अपने फिल्मो के बनाने से लेकर रिलीज़ तक की अपने इरादे को मुकम्मिल कर सकते है।”