सभी अस्पतालों में लागू होगा 100% कैशलेस स्वास्थ्य बीमा निपटान, बिमा नियामक ने समिति से रिपोर्ट मांगी

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मेडिकल पॉलिसी धारकों को जल्द ही 100% कैशलेश सुविधा का लाभ मिलेगा, जिसके तहत अस्पताल बिना किसी तरह का भुगतान कराए इलाज करेंगे. वर्तमान में पॉलिसी धारक को इलाज के लिए एडमिट होने पर कुछ रकम जमा करने का दबाव अस्पताल बनाते हैं और रकम जमा भी करनी पड़ती है. सभी अस्पतालों में कैशलेश सेटलमेंट व्यवस्था लागू करने के लिए बीमा नियामक IRDAI ने जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) गठित की है और इसका स्वास्थ्य बीमा निदेशक शेखर संपत कुमार को बनाया गया है. उन्हें यह व्यवस्था लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.बीमा नियामक IRDAI ने अस्पतालों की सामान्य पैनल प्रक्रिया और 100% कैशलेस समिति को देशभर के अस्पतालों में पूरी तरह से कैशलेस चिकित्सा बीमा निपटान को लागू करने पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. वर्तमान में 49% अस्पतालों में कैशलेस सेटलमेंट सुविधा उपलब्ध है. ऐसे अस्पतालों की संख्या करीब 25,000 है.

बीमा नियामक के अनुसार योजना लागू होने के बाद लगभग 400 मिलियन मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को लाभ मिलने की अनुमान है.बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच हालिया झड़पों के मद्देनजर IRDAI ऐसी घटनाओं को हल करने के तरीके तलाश रहा है.जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) के महासचिव इंद्रजीत सिंह द्वारा 1 अगस्त को जारी एक आदेश के अनुसार समिति अक्टूबर के अंत तक राष्ट्रव्यापी कैशलेस निपटान शुरू करने के उद्देश्य से साप्ताहिक अपडेट प्रदान करेगी. बता दें कि समिति के अध्यक्ष स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक एस प्रकाश हैं.

बीमा नियामक ने शेखर संपत कुमार को तीन साल के लिए जीआईसी के स्वास्थ्य बीमा निदेशक और बीमा लोकपाल के रूप में नियुक्त किया है. वह चेन्नई में इस महीने के अंत तक कार्यभार संभाल सकते हैं. शेखर संपत कुमार ने एक दशक पहले पीएसयू जनरल इंश्योरर्स के लिए चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए दरों के मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अब वह सभी अस्पतालों को कैशलेस सुविधा के तहत लाने और उनके लिए जनरल प्रॉसेसिंग रेट्स लागू करने की दिशा में काम करेंगे.