शुभेंदु, राजीव के बाद अब जितेंद्र तिवारी की नाराजगी, राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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महत्वपूर्ण पद से भी दिया इस्तीफा

2021 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसकी वजह अपने ही लोगों की नाराजगी है। राज्य के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और मंत्री राजीव बनर्जी के बाद अब आसनसोल नगर निगम के निवर्तमान मेयर जितेंद्र तिवारी ममता बनर्जी की सरकार से नाराज हो गए हैं।


बंगाल सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की मंजूरी नहीं मिलने के कारण केंद्रीय परियोजना के लिए आसनसोल नगरपालिका को 2,000 करोड़ रुपये नहीं मिले।
 उन्होंने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के नाम एक चिट्ठी लिखी है। पत्र में उन्होंने लिखा, “केंद्र सरकार ने आसनसोल को स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के लिए नामित किया।  लेकिन आसनसोल नगरपालिका केंद्रीय परियोजना से 2,000 करोड़ रुपये नहीं ले सकी क्योंकि उसे राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिली।”

तृणमूल विधायक जितेंद्र तिवारी आसनसोल नगरपालिका के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर के अध्यक्ष हैं।  उन्होंने हकीम को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि राजनीतिक कारणों से आसनसोल नगरपालिका को केंद्रीय परियोजना से पैसा नहीं लेने दिया गया।
 आसनसोल नगरपालिका केंद्रीय अनुदान से वंचित है।  पत्र में उन्होंने लिखा, ” केंद्र सरकार ने आसनसोल को स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के लिए नामित किया।  लेकिन आसनसोल नगरपालिका केंद्रीय परियोजना से 2,000 करोड़ नहीं ले सकी क्योंकि उसे राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिली थी।  उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से आसनसोल नगरपालिका को परियोजना का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगरपालिका मामलों के मंत्री ने राज्य सरकार की ओर से पैसा देने का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं किया गया।
 जितेंद्र तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि आसनसोल नगरपालिका को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए केंद्र से 1,500 करोड़ रुपये लेने की अनुमति नहीं दी गई।  उनकी सीधी शिकायत यह है मंत्री फिरहाद हकीम ने उन्हें पैसा नहीं लेने दिया।  आसनसोल के नगर प्रशासक ने आरोप लगाया कि कई परियोजनाएं शहर के कार्यालय में प्रस्तुत की गईं लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं दी गई।
 उन्होंने पत्र में निवेदन किया कि आसनसोल नगरपालिका को केंद्रीय परियोजना से पैसा लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।  इस पत्र के साथ ही जितेंद्र ने रानीगंज गर्ल्स कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है।