गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सुप्रीमो विमल गुरुंग ने अपनी पत्नी के साथ आज सुबह मतदान दिया। 2016 के सशस्त्र आंदोलन के बाद उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था। पहाड़ पर लौटने के बाद उनका नाम किस तरह मतदाता सूचि में शामिल किया गया इसे लेकर राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। बताते चले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से विमल गुरुंग, उनकी पत्नी आशा गुरुंग और बेटे के नाम हटा दिए थे. इस बीच वोट देने के बाद विमल गुरुंग ने कहा पहाड़ पर शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है। करीब साढ़े तीन साल बाद वोट डाले जाने से संबंधित पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा वोट देने के बाद उन्हें अच्छा महसूस हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा पहाड़ की सभी विधानसभा सीटों पर उनकी पार्टी अच्छा परिणाम करेगी।