विधानसभा चुनाव से पहले ‘दुआरे दुआरे सरकार’ मुहिम की शुरुआत

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पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशानुसार प्रशासन ने 2021 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को ‘दुआरे दुआरे सरकार’ मुहिम की शुरुआत की।  राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पहले दिन लाखों शिकायतें पूरे राज्य से मिली हैं जिनका निपटान तत्काल करने की कोशिश हो रही है। इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि राज्य की 11 सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके। यह कार्यक्रम 30 जनवरी तक चलेगा। राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होगा। यह कार्यक्रम दो महीने तक चार चरणों में चलाया जाएगा। नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने कोलकाता में एक वार्ड कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए परिवर्तनकारी कदम उठाया है कि कोई भी व्यक्ति इन योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रह जाए। जो लोग पात्र हैं, उन्हें लाभ मिलेगा। उदाहरणार्थ ‘स्वस्थ साथी’ का लाभ राज्य की पूरी जनसंख्या को मिलेगा।’’ उन्होंने बताया कि इस मकसद के लिए स्थापित शिविरों के जरिए लाभार्थियों को 11 योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इन शिविरों में हर रोज पूर्वाह्न 10 बजे से शाम चार बजे तक काम होगा। हालांकि राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि तृणमूल सरकार ने लोगों के धन का इस्तेमाल करके यह चुनाव मुहिम शुरू की है। घोष ने कहा, ‘‘वे चुनाव मुहिम के लिए लोगों का धन इस्तेमाल कर रहे हैं। यदि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए 10 साल बाद मुहिम शुरू करनी पड़ रही है कि योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे, तो तृणमूल के नेताओं को शर्म आनी चाहिए।’’ हकीम ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घोष को पहले इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि केंद्र में भाजपा नीत सरकार ने अपने प्रचार के लिए लोगों का कितना धन इस्तेमाल किया। घोष ने कहा कि यह परियोजना ममता सरकार का चुनावी स्टंट है जिसका मकसद केवल राजनीतिक लाभ लेना है। इससे आम लोगों को कोई फायदा होने वाला नहीं है।