अमेज़ॅन इंडिया की फिनटेक शाखा अमेज़ॅन पे (Amazon Pay) को भारतीय रिजर्व बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए मंजूरी दे दी है.जिससे उसे ऐप के माध्यम से ई कॉमर्स लेनदेन की सुविधा मिल गई.
आरबीआई के द्वारा जारी दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि कंपनी के पास पहले से ही अपनी वॉलेट सेवाओं-अमेज़ॅन पे बैलेंस मनी को चलाने के लिए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स लाइसेंस है. अमेज़ॅन पे के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि ये लाइसेंस हमें अपने डिस्ट्रीब्यूशन चैनलों को और मजबूत बनाने और भारत में हमारे ग्राहकों और व्यापारियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और फायदेमंद डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करते हैं.
पीए (Payment Aggregator) ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने, उन्हें एकत्रित करने और एक समय अवधि के बाद उन्हें व्यापारियों को ट्रांसफर करते हैं. ये कंपनियां व्यापारी और ग्राहक के बीच मध्यस्थ का काम करती हैं.
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट लाइसेंस के बाद अब भारत में अमेज़ॅन पे को मिली दूसरी नियामक मंजूरी है. यह एक उपभोक्ता-केंद्रित मोबाइल वॉलेट संचालित करता है जिसका उपयोग सभी प्रकार के डिजिटल और यूपीआई भुगतान के लिए किया जाता है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 तक अमेज़न पे द्वारा 6.6 करोड़ वॉलेट जारी किए गए थे. केवल उस महीने में ही इसका इस्तेमाल 40 लाख से अधिक लेनदेन के लिए किया गया था.
आरबीआई से पेमेंट एग्रीगेटर का लाइसेंस प्राप्त करने वाली यह नई कंपनी है. इस साल 2024 की शुरुआत से अब तक 10 कंपनियों को आरबीआई ने ये लाइसेंस दिया गया है. जिसमें फूड एग्रीगेटर ज़ोमैटो, जसपे, डिसेंट्रो, एम स्वाइप, ज़ोहो, स्ट्राइप समेत अन्य शामिल हैं.