राजीव के इस्तीफे के बाद तृणमूल ने वैशाली डालमिया को पार्टी से निकाला

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ममता बनर्जी के कैबिनेट में वन मंत्री के पद से राजीव बनर्जी के इस्तीफा के बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत जगमोहन डालमिया की विधायक बेटी वैशाली को भी पार्टी से निकाल दिया है। उन पर दल विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया है। पार्टी की अनुशासन कमेटी ने उन्हें बहिष्कृत किया है। वैशाली डालमिया बाली से विधायक हैं। पिछले कई दिनों से वह हावड़ा जिले के पार्टी नेताओं की गतिविधियों को लेकर सवाल खड़ा करती रही हैं। हावड़ा जिले के ही विधायक और राज्य के पूर्व क्रीड़ा तथा युवा कल्याण मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफे के बाद भी उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया था। वैशाली डालमिया ने कहा था कि कुछ लोग ऐसे हैं जो काम करने वालों को काम नहीं करने देते हैं।  इसके बाद शुक्रवार को जब राजिव बनर्जी ने अपना इस्तीफा भेजा तब भी वैशाली ने बगावती तेवर दिखाए। वैशाली ने कहा कि अब जबकि राजीव बनर्जी ने मंत्रिमंडल छोड़ दिया है तो उन्हें मीरजाफर का तकमा दे दिया जाएगा। यह बयान उन्होंने तंज के तौर पर दिया है क्योंकि शुभेंदु अधिकारी के तृणमूल छोड़ने के बाद उन्हें राज्य भर के पार्टी नेतृत्व की ओर से मीरजाफर कहा जा रहा है।
 वैशाली डालमिया को पार्टी से निकाले जाने के संबंध में हावड़ा जिले के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अरूप रॉय ने कहा, “पार्टी ने सही निर्णय लिया है। जो पार्टी में रहकर भी लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं वह संगठन का नुकसान कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। किसी का कोई व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप हो सकता है लेकिन उसे सार्वजनिक तौर पर कहने के बजाय पार्टी फोरम में कहना उचित है।”
वैशाली डालमिया ने अरूप राय के खिलाफ भी काम नहीं करने देने का आरोप कई बार लगाया है। इस संबंध में रॉय ने कहा कि मेरे खिलाफ कौन क्या कहता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं शुरुआत से ही तृणमूल कांग्रेस में रहा हूं। ऐसे नेताओं की कोई अहमियत नहीं है। इनके चले जाने से पार्टी को कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अगर तृणमूल कांग्रेस इन्हें अपना चुनाव चिह्न नहीं देती तो इनमे से कोई विधायक नहीं बन पाता।