ममता का दावा : खेल के लिए राजनीति से दूर होना चाहते हैं लक्ष्मी रतन

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पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला के कैबिनेट से इस्तीफा देने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि शुक्ला ने मंत्रिमंडल पद नहीं छोड़ा है बल्कि खेल में खुद को और अधिक व्यस्त करने के लिए सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्ति चाही है। इसे स्वीकार कर लिया गया है।
 दरअसल शुक्ला ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजा है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक ममता का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। चार दिन पहले हावड़ा जिले के तृणमूल सांसद प्रसुन बनर्जी ने ने लक्ष्मी रतन शुक्ला के कार्यों पर सवाल खड़ा किया था जिसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल छोड़ दिया है। इसे लेकर मंगलवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कोई भी अपना पद छोड़ ही सकता है। उससे कोई नुकसान होने वाला नहीं है। लक्ष्मी रतन अच्छे लड़के हैं। उन्होंने इस्तीफा दिया है।”
 इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “जो चिट्ठी लक्ष्मी रतन ने मुझे लिखी है उसमें मंत्री पद छोड़ने की बात नहीं लिखी है। उन्होंने लिखा है कि खेल में खुद को और अधिक व्यस्त करने के लिए सब तरह के राजनीतिक दायित्व से मुक्ति चाहता हूं। मुझे खेल में और अधिक समय देना होगा।  टर्म पूरा होने तक वह विधायक बने रहेंगे।’
 हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “ऐसा कुछ नहीं है। मैंने राज्यपाल (जगदीप धनखड़) से कह दिया है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा स्वीकार किया जाए। मैं भी चाहती हूं कि वह खेल में अपना कैरियर और बेहतर बनाएं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। इस बारे में नकारात्मक सोचने की कोई वजह नहीं है।” 



अब ममता बनर्जी के मंत्री राजीव बनर्जी कैबिनेट की बैठक से रहे नदारद, अटकलें तेज

 कोलकाता, 05 जनवरी । सीएम ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले शुभेंदु अधिकारी और अब लक्ष्मी रतन शुक्ला के मंत्री पद से इस्तीफा देने का बाद अब हावड़ा जिले के अन्य मंत्री राजीव बनर्जी सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में वन मंत्री राजीव बनर्जी नदारद रहे, हालांकि राजीव बनर्जी ने मंत्रिमंडल की बैठक से अनुपस्थिति के लिए अस्वस्थता को कारण बताया है. लेकिन राजीव बनर्जी काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं. बता दें कि आज मंत्रिमंडल की बैठक से राजीव बनर्जी के साथ-साथ मंत्री सुजित बोस, अरुप राय व उत्तर बंगाल के कई मंत्री कैबिनेट की बैठक से अनुपस्थित रहे, लेकिन राजीव बनर्जी की अनुपस्थिति के बाद अटकलें तेज हो गई है. आज सुबह ही पार्टी के महासचिव व मंत्री पार्थ चटर्जी ने भी उन्हें बैठक के लिए बुलाया था,लेकिन वह नहीं आए थे.

 वनमंत्री राजीव बनर्जी एक बार फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगातार बोलते हुए नजर आ रहे हैं. वह नाम लिए बिना ही ने पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पार्टी के कर्मी ही पार्टी के असली सम्पति होते हैं. ऐसे में उन्हें पैरों के नीचे रखकर नेता लाभ उठाते हैं. वे कर्मियों का व्यवहार कर उनकी सुविधा को अपने लिए इस्तेमाल करते हैं.
बता दें कि राजीव बनर्जी को मनाने के लिए पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने उनके साथ बैठक की थी, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं निकला है. दूसरी ओर, ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि राजीव बनर्जी शीघ्र ही बीजेपी में शामिल होंगे. कुछ दिन पहले शुभेंदु अधिकारी के साथ उनके पोस्टर साटे गए थे. उन पोस्टरों में उन्हें स्वच्छ छवि वाला नेता और काम का नेता बताया गया था.


लक्ष्मी रतन के इस्तीफे पर वैशाली डालमिया ने जताया अफसोस, बाबुल सुप्रियो ने दिया भाजपा में आने का न्योता

कोलकाता, 05 जनवरी । विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक के बाद एक झटके अपनों से ही लग रहे हैं। उनके कैबिनेट में खेल और युवा कल्याण मंत्री तथा पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया है। अब इसे लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं। बाली से विधायक और क्रिकेट जगत की मशहूर हस्ती दिवंगत जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया ने इसे लेकर अफसोस जताया है। इसके साथ ही आसनसोल से भाजपा के सांसद और केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लक्ष्मी रतन शुक्ला को भारतीय जनता पार्टी में आने का आमंत्रण दिया है।
शुक्ला की करीबी माने जाने वाली बाली की एमएलए व बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की एमएलए बेटी वैशाली डालमिया ने भी हावड़ा में पार्टी नेताओं की गतिविधि को लेकर असंतोष जताया है। उन्होंने दावा किया कि शुक्ला के साथ-साथ उन्हें भी पार्टी और आम लोगों का काम करने में बाधा दी जा रही है। वह इसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व से की है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं निकला है। वह इंतजार कर रही हैं।
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वैशाली को भी तृणमूल में हो रही समस्याएं
– उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी को कुछ लोग कीड़े की तरह अंदर ही अंदर खा रहे हैं। पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है, वरन पार्टी छोड़ जाने वालों को ही बाईमान जाता है।
शुक्ला के करीबी नेताओं का कहना है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। वह पार्टी के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन उन्हें पार्टी के कुछ नेता काम नहीं करना दे चाह रहे हैं। दूसरी ओर अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भाजपा में शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफा पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यदि वह भाजपा में शामिल होना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। तृणमूल में कोई सम्मानित व्यक्ति नहीं रह सकता है।
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 कांग्रेस ने भी दिया पार्टी में शामिल होने का न्योता
– दूसरी ओर, कांग्रेस के बंगाल ईकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जो लोग तृणमूल में भी नहीं रहना चाहते हैं और भाजपा में भी शामिल होना नहीं चाहते हैं, उन सभी लोगों को कांग्रेस में स्वागत है। उल्लेखनीय है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफे को ममता बनर्जी ने स्वीकार कर लिया है। इसके पहले ममता कैबिनेट से परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देकर राज्य के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।