बंगाल विधानसभा के बाहर दिखी दिल्ली हिंसा की झलक, बंद गेट पर चढ़कर बैठ गई शिक्षिकाएं, पुलिस से धक्का-मुक्की

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गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों ने जिस तरह से अराजकता फैलाई थी उसी तरह का दृश्य बुधवार को राजधानी कोलकाता में राज्य विधानसभा के बाहर देखने को मिला है। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की मांग पर अचानक हजारों की संख्या में महिला शिक्षिकाएं विधानसभा के छह नंबर गेट के पास जा पहुंचे। विधानसभा की सुरक्षा को धता बताते हुए कई शिक्षिकाओं ने जबरदस्ती सदन में प्रवेश की कोशिश की। बंद विधानसभा के गेट पर भी कई शिक्षिकाएं चढ़कर बैठ गईं। हालात इतने बिगड़ गए थे कि उन्हें उतारने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें जबरदस्ती घसीटते हुए नीचे उतारा गया। एक को उतारा जा रहा था तो दूसरी चढ़ जा रही थीं जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए थे। खास बात यह है कि विरोध करने वाली महिला शिक्षिका हैं जिसकी वजह से उनके साथ सख्ती बरतना पुरुष पुलिसकर्मियों के लिए संभव नहीं हो पा रहा। विधानसभा में अधिक संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं है जिसके कारण आंदोलनरत शिक्षिकाओं को हटाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। इस घटना की वजह से विधानसभा के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से रण क्षेत्र में तब्दील हो गया है। हालात तनावपूर्ण है और अतिरिक्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। जो महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं वे पार्श्व शिक्षिकाएं हैं या सहायिका के पद पर तैनात हैं। इन्हें निबंधन के तहत स्कूलों में पठन-पाठन के लिए नियुक्त किया गया है। इनकी मांग है कि समान काम के लिए समान वेतन देना होगा। इसके अलावा पेंशन की मांग भी शिक्षिकाएं कर रही हैं। शिक्षक एक्य मुक्त मंच की ओर से इनका विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया है। शिक्षिकाओं की मांग है कि वह सीधे मुख्यमंत्री से मिलना चाहती हैं और उन्हीं के साथ बात करेंगी। हालांकि अभी तक सीएम आई नहीं हैं और हालात तनावपूर्ण बना हुआ है।
 उल्लेखनीय है कि इन शिक्षकों ने इसके पहले शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास के पास भी विरोध प्रदर्शन किया था।