। अपनी सिक्किम यात्रा के दूसरे दिन विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सिक्किम विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का विकास पूर्वोत्तर के आर्थिक विकास में योगदान देगा। इससे निवेश, व्यापार और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वर्तमान में बढ़ी हुई कनेक्टिविटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रमुख अंग है।
हर्षवर्धन श्रृंगला शनिवार को विदेश मंत्रालय के सहयोग और सिक्किम विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम ”भारत की विदेश नीति के मूल में पूर्वोत्तर का क्षेत्र” विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों से बातचीत करते हुए रेखांकित किया कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है। यह भारत को दुनिया की आर्थिक रूप से सबसे गतिशील और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भौगोलिक- एशियान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से जोड़ता है। विदेश सचिव ने यह भी बताया कि कैसे भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम के तहत भारत और जापान पड़ोसी देशों के साथ बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जो सीधे पूर्वोत्तर के आर्थिक विकास में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी, जल, स्वच्छता, वन प्रबंधन और कौशल विकास पर आधारित परियोजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र का समग्र विकास होगा, जिससे निवेशक तो आकर्षित होंगे ही इसके साथ ही व्यापार और रोजगार अवसर भी उपलब्ध होंगे। अपने संबोधन में विदेश सचिव ने नेपाल और भूटान जैसे पड़ोसी देशों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए कंचनजंगा संवाद ट्रैक-२ के शुभारंभ की घोषणा की, जो पूर्वोत्तर में सिक्किम को शिक्षा और ज्ञान के केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद करेगा। उन्होंने सिक्किम विश्वविद्यालय के छात्रों को भारत के आर्थिक विकास और विकास की यात्रा में भाग लेने को कहा। इस दौरान उन्होंने बताया कि सिक्किम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से प्रतिभा और रुचि को पहचानने के लिए विदेश मंत्रालय ने अपने इंटर्नशिप कार्यक्रम को फिर से शुरू किया है।
अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव श्रृंगला ने राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से भी मुलाकात की। मूल रूप से दार्जीलिंग के रहने वाले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला हमेशा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आर्थिक विकास और विकास में सक्रिय रुचि लेते हैं।