नेताओं को 30 हजार लोगों का फरमान, पहले पुल-फिर मतदान

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इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में चचरी पुल बड़ा मुद्दा बन सकता है. क्योंकि पिछले कई दशकों से बिहार के नेता अपने इलाकों में जाते हैं वादे करते हैं लेकिन पूरा नहीं करते. इस बार बांस की खपच्चियों से बने चचरी पुल बड़ी दिक्कत कर सकते हैं. निर्माण की लंबित मांग की अनदेखी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकती है. औराई और कटरा के लोगों के मुताबिक इस बार यहां की जनता आने वाले चुनाव में नेताओं को सबक सिखाएगी. जब तक पुल का निर्माण नहीं होगा तब तक वोट नहीं दिया जाएगा.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार भी चुनाव में चचरी का मुद्दा रहेगा. हर बार पुल के झांसा देकर वोट करवा दिया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद इस गांव की तरफ कोई झांकने तक नहीं आता. चचरी पुल पार कर रही बुजुर्ग महिला चंद्र कला देवी ने बताया कि हर साल नेता पुल बनवाने की बात कह कर वोट लेकर चले जाते हैं. उसके बाद इस गांव को भूल जाते हैं, लेकिन इस बार 5 गांव की जनता आने वाले चुनाव में नेताओं को सबक सिखाएगी.

चचरी पुल को लेकर वोट बहिष्कार के सवाल पर एसडीएम ईस्ट डॉक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि जो हमारे प्रमुख स्थल है. जहां पर चिह्नित रूप से पीडब्ल्यू रिंग रोड गई हुई है या आरडब्ल्यू की भी रोड गई हुई है. उसको चिह्नित करके हम पुल का चिन्हीकरण कर रहे हैं.