नड्डा के काफिले पर हमला : केंद्र ने बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को डेपुटेशन पर दिल्ली बुलाया, बंगाल सरकार ने कहा : नहीं जाएंगे

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्र सरकार सख्ती बरतती जा रही है। अब पश्चिम बंगाल के उन तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डेपुटेशन पर दिल्ली बुलाया है जो नड्डा के काफिले की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। ये आईपीएस अधिकारी हैं राजीव मिश्रा, प्रवीण त्रिपाठी और भोला नाथ पांडेय। इन्हें दिल्ली रिपोर्ट करने को कहा गया है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से तीनों के डेपुटेशन के संबंध में जो चिट्ठी आई है उसके जवाब में राज्य सरकार ने भी एक चिट्ठी लिखी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ये तीनों अधिकारी दिल्ली डेपुटेशन पर नियुक्त नहीं होंगे। इसके लिए राज्य सरकार अपनी सहमति नहीं देगी। राज्य सरकार की ओर से जो चिट्ठी लिखी गई है उसमें कहा गया है कि राज्य की सेवा में तैनात आईपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार इस तरह से परेशान नहीं कर सकती है।
 दरअसल दक्षिण बंगाल के आईजी राजीव मिश्रा, प्रेसिडेंसी रेंज के डीआईजी प्रवीण त्रिपाठी और डायमंड हार्बर, जहां जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था, वहां के एसपी भोला नाथ पांडे हैं। इन तीनों को जेपी नड्डा के काफिले की सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार को 14 दिसंबर को दिल्ली तलब कर चुके हैं। हालांकि मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा है कि काफिले पर हुए हमले को राज्य सरकार गंभीरता से ले रही है और इसकी जांच हो रही है। इसलिए इन दोनों शीर्ष अधिकारियों को दिल्ली आने से छूट दी जानी चाहिए। इन दोनों अधिकारियों को 14 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला के सामने रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके अलावा बाकी के तीन आईपीएस अधिकारियों को डेपुटेशन पर दिल्ली में तैनात होने का निर्देश दिया गया है।

क्या कहना है टीएमसी का

– गौर हो कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर दावा किया है कि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को गृह मंत्रालय द्वारा बुलाया जाना गैर संवैधानिक है। कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।