टीएमसी सांसद कल्याण में लिखा गृह मंत्रालय को खत, कहा : राज्य के अधिकारियों को तलब करने के पीछे राजनीतिक मंशा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर गुरुवार को हुए पथराव के मामले में राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार को दिल्ली तलब किए जाने पर टीएमसी बौखलाई हुई है। पार्टी के सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को चिट्ठी लिखकर कहा है कि राज्य के अधिकारियों को दिल्ली तलब किया जाना संविधान के मुताबिक जायज नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गृह मंत्रालय ने राजनीति से प्रेरित होकर यह कदम उठाया है।
 दरअसल बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे जेपी नड्डा गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर में जनसभा के लिए जा रहे थे। रास्ते में उनके काफिले पर जबरदस्त पथराव हुआ था। इसमें बुलेटप्रूफ गाड़ी होने की वजह से नड्डा को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन भाजपा के अन्य शीर्ष नेता जैसे कैलाश विजयवर्गीय, शिव प्रकाश, मुकुल रॉय, दिलीप घोष इसकी चपेट में आए थे। मुकुल राय और विजयवर्गीय को तो काफी चोट लगी है। इसके बाद राज्य में राजनीति गरमा गई थी। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया था लेकिन दोनों ने कथित तौर पर उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यपाल से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी। अपनी रिपोर्ट में गवर्नर ने दावा किया था कि जेपी नड्डा की सुरक्षा में कोताही बरती गई और पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को 14 दिसंबर को सशरीर दिल्ली तलब किया है। हालांकि राज्य के मुख्य सचिव ने अजय भल्ला को चिट्ठी लिखकर कहा है कि राज्य सरकार नड्डा पर हुए हमले को गंभीरता से देख रही है और इस मामले में उचित कार्रवाई कर रही है। इसलिए दिल्ली उपस्थित होने संबंधी आदेश में छूट दी जाए। लेकिन गृह मंत्रालय ने इस बारे में अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। अब कल्याण बनर्जी ने अपनी ओर से चिट्ठी लिखकर दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह कदम राजनीति से प्रेरित है। अपनी चिट्ठी में सांसद कल्याण ने कहा है कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। राज्य के अधिकारियों को दिल्ली तलब करने का संवैधानिक अधिकार केंद्र के पास नहीं है।