छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल की सबसे बड़ी नक्सली घटना में कुल 22 जवान शहीद हुए हैं. शनिवार को हुए इस नक्सली हमले में रविवार को भी शव बरामद किए जाते रहे. रविवार को बीजापुर के जंगलों से 17 जवानों के शव बरामद किए गए. पिछले चार सालों में माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर यह सबसे बड़ा हमला किया है. इस हमले में 400 माओवादियों ने तीन तरफ से सीआरपीएफ के जवानों को घेर लिया था और कई घंटों तक उनपर मशीनगन और IED से हमला करते रहे.
सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह ने बताया कि उनके जवानों पर ‘अचानक और घेर कर हमला’ किया गया. सिंह को गृहमंत्री अमित शाह ने हमले के बाद राज्य का दौरा करने के निर्देश दिए थे.
बता दें कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के कुल 22 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 31 अन्य जवान घायल हुए हैं. यह इस साल की अब तक की सबसे बड़ी नक्सली घटना है. क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने खोजी अभियान तेज कर दिया है.
बस्तर क्षेत्र के अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि हमले के दौरान लगभग 400 की संख्या में नक्सली टेकलगुड़ा गांव की पहाड़ी और उसके आसपास मौजूद थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने जब जवानों पर गोलीबारी शुरू की तब कुछ जवान बचाव के लिए सूने गांव की ओर चले गए जहां नक्सली उनके इंतजार में थे. घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार शहीद जवानों के शव खेत और गांव की सड़क के आसपास से बरामद किए गए हैं. स्थानीय संवाददाताओं ने बताया कि शहीद जवानों के शवों में गोली लगने और कुछ जवानों के शवों में धारदार हथियार से हमला किए जाने का निशान है.