पुलिस ने अदालत को बताया, “सुशील ने प्रिंस (उसके दोस्त) से वह वीडियो बनाने के लिए कहा था. उसने और उसके साथियों ने पीड़ितों को जानवरों की तरह पीटा. वह कुश्ती समुदाय में अपना डर स्थापित करना चाहता था.” लगभग तीन सप्ताह तक फरार रहे सुशील कुमार को एक दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके के छत्रसाल स्टेडियम के पास सह-आरोपी अजय के साथ गिरफ्तार किया. उन पर 23 वर्षीय पहलवान की मौत में कथित संलिप्तता के आरोप हैं.
पुलिस के अनुसार, सुशील कुमार और उसके साथियों ने राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में 4 मई को साथी पहलवान 23 वर्षीय सागर राणा और उसके दो दोस्तों के साथ मारपीट की थी. तीनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा थी. बाद में राणा की चोटों के कारण मौत हो गई थी.
दिल्ली पुलिस ने फरार सुशील कुमार की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी. अजय कुमार की गिरफ्तारी पर भी 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी.
37 वर्षीय चैंपियन पहलवान को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस 20 दिनों से दिल्ली और उसके आसपास के शहरों और पड़ोसी राज्यों में कई जगहों पर छापेमारी कर रही थी.
इस बीच, सुशील कुमार ने 18 मई को अपनी गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए दिल्ली के रोहिणी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें दावा किया गया था कि उनके खिलाफ जांच पक्षपातपूर्ण थी और पीड़ित को कोई चोट उनके कारण नहीं हुई थी. हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी कि वह “प्रथम दृष्टया मुख्य साजिशकर्ता” थे और उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के थे.