केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसान आज आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौक़े पर देश भर में ‘काला दिवस’ मना रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के नेता और इस आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक राकेश टिकैत ने इस मौक़े पर आज सुबह कहा था, “हम काले झंडे के साथ ही तिरंगा भी थामे हुए हैं. हमें प्रदर्शन करते पूरे छह महीने हो गए हैं लेकिन सरकार हमारी सुन नहीं रही. इसलिए किसानों ने काले झंडे लिए हैं. पूरी शांति के साथ हम अपना यह विरोध-दिवस मनाएंगे. हम कोविड के नियमों का भी पालन कर रहे हैं. कोई भी प्रदर्शन स्थल पर नहीं जा रहा. जो जहां है वहीं से प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा है.”
किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि “सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर जैसे विरोध स्थलों पर मोदी सरकार के पुतले जलाए गए. ट्रॉलियों और टेंटों पर काले झंडे लगाए गए. पूरे भारत के किसानों ने इस आह्वान को अपना समर्थन दिया और एकजुटता प्रदर्शित की.”