कलचीनी लताबाड़ी ग्रामीण अस्पताल में एंबुलेंस सेवा बुधवार को बंद रही। एम्बुलेंस चालकों ने कह वे लोग सुरक्षा की कमी से जूझ रहे हैं। जब तक प्रशासन उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं देगा वे लोग एंबुलेंस नहीं चलाएंगे. इन कारणों से अधिकांश ड्राइवर एम्बुलेंस चलाना बंद कर अन्य नौकरियों में जुट जाते हैं । वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी में एंबुलेंस नंबर 102 भी चलती है तो सवाल उठता है कि यह कितनी सेवा दे सकती है। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
गौरतलब है गंगुटिया क्षेत्र की रहने वाली खुरेशा खातून की अपने बच्चे के गर्भ में ही मौत हो गई थी. इसे लेकर लताबाड़ी ग्रामीण अस्पताल के एंबुलेंस चालक पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कालचीनी थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य रूप से इसी को देखते हुए चालकों ने आज एंबुलेंस सेवा बंद कर दी।
एम्बुलेंस चालक सचिन ने कहा, ‘मैं 11 साल से एंबुलेंस चला रहा हूं, हमारे खिलाफ अभी तक किसी ने ऐसी शिकायत नहीं की है। हालांकि, उस दिन जो हुआ उसे हम स्वीकार नहीं कर सकते पर जिस तरह से मरीज के परिजनों ने मेरे साथ मारपीट की उससे हमें अपनी जान का खतरा हो गया है। अगर प्रशासन ने मुझे सुरक्षा नहीं दी तो हमें यह काम छोड़कर कुछ और करना होगा.’