पश्चिम बंगाल के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन की पिछले सप्ताह बुधवार (17 फरवरी) की रात मुर्शिदाबाद के निमतीता स्टेशन पर बम ब्लास्ट के जरिए की गई हत्या की कोशिश के मामले में जांच कर रही सीआईडी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अबू समाद और शहीदुल इस्लाम उर्फ केमिकल शहीदुल के तौर पर हुई हैं। सीआईडी के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में इस बारे में शुक्रवार दोपहर बयान जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि इन दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। इनसे पूछताछ कर जगह-जगह छापेमारी हो रही है ताकि इनके अन्य साथियों के बारे में भी पता लगाया जा सके। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हमले का मास्टरमाइंड कोई और है। उसी के बारे में पता लगाने के लिए लगातार पूछताछ और धार पकड़ हो रही है। वारदात वाले दिन रेल पुलिस की नजर बचाकर इन लोगों ने बैग में भरकर रिमोट बम को कैसे स्टेशन पर रख दिया और किसके कहने पर मंत्री के आने पर विस्फोट किया, इस बारे में पूछताछ हो रही है।
—-
क्या है घटना
– सीआईडी सूत्रों ने दावा किया है कि हमले के इस वारदात में ये अकेले नहीं हैं और उसके कई अन्य साथी भी हैं जिनके बारे में फिलहाल पूछताछ की जा रही है।
गौर हो कि गत 17 फरवरी को कोलकाता से वापस लौट रहे जाकिर हुसैन रात के समय मुर्शिदाबाद के निमतीता स्टेशन पर उतरे थे। उनके स्वागत के लिए समर्थक और परिवार के सदस्य पहुंचे थे। जैसे ही वह सभी लोगों के साथ आगे बढ़ रहे थे, अचानक एक ब्लास्ट हुआ था जिसकी चपेट में मंत्री समेत 26 लोग आ गए थे। कुछ लोगों के हाथ पैर और शरीर के अन्य अंग उड़ गए हैं। घटना में मंत्री भी जख्मी हुए हैं और मुर्शिदाबाद से लाकर कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उनका लगातार इलाज चल रहा है। विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी चपेट में आने वाले एक व्यक्ति के पैर का अंगूठा उड़कर 100 मीटर दूर स्टेशन परिसर की छत पर चला गया था। जांच में पता चला था कि विस्फोट के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया था। जाहिर सी बात है गिरफ्तार किए गए दोनों लोग और इनके साथी आईईडी बम बनाने में माहिर हैं और निश्चित तौर पर इनके संबंध आतंकी अथवा उग्रवादी संगठनों से हो सकते हैं। फिलहाल सीआईडी अधिकारियों ने इस पर बहुत कुछ नहीं बताया है।