भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिली है आपके सेंटर तक कैसे पहुंचेगी कोरोना वैक्सीन? जानें डिलिवरी सिस्टम की पूरी प्रक्रिया

भारत में अभी सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिली है. अब ये वैक्सीन निर्माता सरकार से मिले ऑर्डर के आधार पर अपनी वैक्सीन भेजेंगे. हवाई मार्ग से कुल चार स्थानों पर वैक्सीन भेजी जाएगी, जिनमें करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता शामिल हैं.

देश में दो वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही वैक्सीनेशन का काम भी शुरू हो जाएगा. भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगले 10 दिन में देश में टीकाकरण होना शुरू हो जाएगा. ऐसे में हर किसी के मन में अब उम्मीद जागने लगी है. अगर आप जानना चाहते हैं कि ये वैक्सीन आपके शहर या घर तक कैसे पहुंचेंगी, तो आप यहां इस प्रक्रिया को समझ सकते हैं…

वैक्सीन कैसे डिलीवर की जाएगी?
भारत में अभी सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिली है. अब ये वैक्सीन निर्माता सरकार से मिले ऑर्डर के आधार पर अपनी वैक्सीन भेजेंगे. हवाई मार्ग से कुल चार स्थानों पर वैक्सीन भेजी जाएगी, जिनमें करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता शामिल हैं.

इन्हीं स्थानों से वैक्सीन को देश के हर कोने में पहुंचाया जाएगा, जो कि स्पेशल फ्रिज वाली वैन या अन्य किसी वाहन से ले जाई जाएगी. ये वैक्सीन राज्यों के मुख्य सेंटर पर पहुंचेगी, जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार ये जिलों में मौजूद वैक्सीन हेल्थ सेंटर तक पहुंचेगी.वैक्सीन को एक निश्चित तापमान में रखा जाना है, ऐसे में तापमान ट्रैकर लगाए गए हैं जो हर राज्य-जिले के वैक्सीन स्टोर की जानकारी उपलब्ध कराएंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अभी 29 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट्स हैं, इसमें सोलर पॉवर, वॉक इन कूलर, आइस लाइन रेफ्रिजरेटर जैसी सुविधा हैं.

वैक्सीन आगे लोगों तक कैसे पहुंच पाएगी?
जब वैक्सीन जिलों के सेंटर्स तक पहुंचेगी तो उन्हें आगे सब सेंटर्स पर पहुंचाया जाएगा. जैसे जिला अस्पताल, प्राइवेट अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर यानी जहां पर वैक्सीन को रखने की सुविधा होगी और वैक्सीनेशन का काम किया जाएगा. 

डाटा-बेस पर कैसे काम करेगी सरकार?
सरकार को-विन ऐप के जरिए जगह-जगह वैक्सीनेशन करने की तैयारी में है. सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से जरूरी डाटा भी इकट्ठा किया जा रहा है. जिस भी व्यक्ति को वैक्सीन लगेगी, उसका रजिस्ट्रेशन वैक्सीन सेंटर पर ही होगा. हालांकि, हेल्थ वर्कर, आर्मी, पुलिस जैसे लोगों का डाटा पहले ही सरकार के पास है.

हर जिले में वैक्सीनेशन सेंटर की लोकशेन को डिजिटली उपलब्ध कराया जाएगा, वैक्सीन लगने से पहले व्यक्ति को सभी जानकारी फोन पर ही भेज दी जाएंगी.

वैक्सीन लगने के बाद क्या होगा?
जब किसी व्यक्ति को वैक्सीन लग जाएगी, तब उसे एक हेल्थ आईडी कार्ड मुहैया कराया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत इसका ऐलान किया था. वैक्सीन लगने के बाद एक डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसे आप अपने फोन में रख सकते हैं.

किसको पहले मिलेगी वैक्सीन?
•    हेल्थकेयर वर्कर (सरकारी-प्राइवेट) – करीब 1 करोड़
•    फ्रंटलाइन वर्कर (सेना, पुलिस, कर्मचारी, एनडीआरएफ और अन्य) – करीब 2 करोड़
•    50 साल से अधिक उम्र वाले लोग – करीब 27 करोड़

By Editor

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