राज्य के माकपा कार्यकर्ताओं, कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों के संयुक्त मंच ने बकाया डीए की मांग को लेकर धरना देने जा रहा है। वे केंद्र सरकारी दर पर महंगाई भत्ता समेत तीन सूत्री मांगों को लेकर 10 मार्च को प्रदेशभर में धरना देने जा रहे हैं। इस मुद्दे पर जलपाईगुड़ी जिला प्राथमिक विद्यालय परिषद के अध्यक्ष, जिला आपात निरीक्षक सहित विभिन्न सरकारी कार्यालयों को पहले ही हड़ताल के नोटिस जारी किए गए थे। निखिलबंग प्राथमिक शिक्षक संघ की जलपाईगुड़ी जिला कमेटी की ओर से शिक्षकों ने यह नोटिस भी सौंपा। जलपाईगुड़ी के सदर प्रखंड के चार अंचलों के शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल जब प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष को हड़ताल का नोटिस देने गया तो शिक्षकों ने पाया कि कार्यालय में कोई पदाधिकारी नहीं है। इस पर संगठन के जिला सचिव बिप्लब झा ने रोष जताया।
उन्होंने कहा कि 20 और 21 फरवरी को प्रदेश भर के शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों के एकजुट आंदोलन ने सरकार को संदेश दिया है कि शिक्षक अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि डीए वेतन का एक हिस्सा है। नतीजतन डीए कर्मचारी शिक्षकों के संवैधानिक अधिकार हैं। यह सरकार की ओर से दया का उपहार नहीं है। साथ ही उन्होंने मांग की कि राज्य में रिक्त पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति की जाए और अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।