| सोमवार को एकदिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुगली जिले के डनलप मैदान में जनसभा को संबोधित करने के बाद वर्चुअल जरिए से नोआपाड़ा- दक्षिणेश्वर के बीच नवनिर्मित मेट्रो परियोजना का भी उद्घाटन किया। 4.1 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो रूट के निर्माण में 464 करोड़ों रुपये की लागत आई है। मेट्रो रेल प्रबंधन की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस रूट पर मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद आम जन को ट्रैफिक से राहत मिलेगी। साथ ही लाखों पर्टयकों व भक्तों को राहत मिलेगी जो दक्षिणेश्वरी काली दर्शन के लिए जाते हैं। यानी मेट्रो शुरू होने के बाद विश्व प्रसिद्ध काली मंदिर तक कम समय में पहुंचा जा सकेगा। दक्षिणेश्वर तक मेट्रो तक के विस्तार से ऐतिहासिक दक्षिणेश्वर मंदिर जुड़ जाएगा तथा इससे प्रत्येक वर्ष 50 लाख यात्रियों को सुविधा मिलने की संभावना है। पीएम मोदी के उद्घाटन से पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दक्षिणेश्वर मेट्रो स्टेशन पर जाकर नवनिर्मित परियोजनाओं का जायजा भी लिया। —- रेलवे की अन्य परियोजमाएं – इसके साथ ही पीएम मोदी कलाईकुंडा से झाड़ग्राम के बीच तीसरी लाइन, अजिमगंज और खड़गागढ़ शाखा के बीच दूसरी लाइन, हावड़ा बर्दमान कट लाइन डानकुनी और बरूईपाड़ा के बीच चौथी लाइन और हावड़ा-बर्दमान मेन लाइन में रसूलपुर व मगरा के बीच तृतीय लाइन का भी उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं, कर्मचारियों और श्रमिकों को काफी लाभ होगा और कम समय में यात्रा तय कर पाएंगे। कोलकाता मेट्रो को देश का पहला मेट्रो होने का अवसर प्राप्त हुआ है। आज भारत में जो भी निर्माण हुआ है। उसमें मेड इन इंडिया की छाप स्पष्ट दिखाई दे रही है। अब टेक्नोलॉजी भारत की अपनी है। इससे गुणवता बढ़ी और ट्रेन की स्पीड भी बढ़ रही है। —- बंगाल देश की आत्मनिर्भरता का रहा है अहम केंद्र – इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक दौर ऐसा भी था जब पश्चिम बंगाल देश की आत्मनिर्भरता का अहम केंद्र रहा है। यहां से पूर्वी भारत के साथ व्यापार की आपार संभावनाएं हैं। इसी कारण यहां के रेल नेटवर्क को सशक्त करने का गंभीर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते छह सालों में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है। इससे बंगाल के रेल नेटवर्क और भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि इन रेल लाइनों से जीवन बेहतर होगा ही साथ ही उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि न केवल रेलवे का विकास करेंगे, वरन बंगाल के सपनों को पूरा करेंगे।
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