केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को शाहीन बाग की ऐक्टिविस्ट बिलकीस दादी का समर्थन मिला है. बिलकीस दादी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए सिंधु बॉर्डर पहुंचीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए.
आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में उतरीं बिलकीस दादी ने कहा कि हम किसानों की बेटियां हैं, हम आज किसानों के प्रोटेस्ट का समर्थन करने जाएंगे. हम अपनी आवाज उठाएंगे, सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए.
बिलकीस दादी उस वक्त सुर्खियों में आईं थीं, जब उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन में धरना पर बैठकर ध्यान आकर्षित किया था. पिछले साल मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन एक्ट पास किया था, जिसके बाद पूरे देशभर में प्रदर्शन हुआ था.
राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में कई महीनों तक चले प्रदर्शन का चेहरा रहीं बिल्किस (82) को टाइम मैगजीन की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली हस्तियों की सूची में स्थान मिला था।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, पुलिस उपायुक्त (बाहरी-उत्तरी) गौरव शर्मा ने कहा कि वह एक वरिष्ठ नागरिक हैं और कोविड-19 महामारी के चलते हमने उन्हें सिंघु बॉर्डर पर रोक दिया और उनकी सुरक्षा के लिए वापस जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो इसलिए पुलिस के की एक टीम ने उन्हें दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में स्थित उनके घर पहुंचा दिया।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।